विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई 'लाड़ली बहना योजना' की इस महीने की किस्त अब तक लाभार्थी महिलाओं के खातों में नहीं पहुंची है। तय तिथि गुजर जाने के बाद भी राशि न आने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने इसे सरकार की वादाखिलाफी बताया है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि योजना के तहत हर महीने किस्त समय पर दी जाती रही है। जल्द ही इस बार की राशि भी ट्रांसफर कर दी जाएगी।
सबसे पहले जीतू पटवारी का बयान पढ़िए.... पटवारी ने X पर लिखा- 'लाड़ली बहना योजना' की किस्त को लेकर पहले बड़े-बड़े होर्डिंग देखने को मिलते थे, लिखा रहता था, "लाड़ली बहनों 10 तारीख आ रही है"। लेकिन, इस बार 10 तारीख को लाड़ली बहनों के खाते में पैसे ही नहीं आए। क्या कर्ज में कमी हो गई या सरकार की नीयत बदल गई?
वैसे भी एमपी बीजेपी विधानसभा में मुकर चुकी है कि ₹1250 की मासिक राशि को ₹3000 प्रतिमाह तक नहीं बढ़ाया जाएगा। डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में ही बताया कि अब तक 15,748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद हटा दिए गए हैं।
वहीं 60 वर्ष की उम्र पूरी करने वाली 3 लाख 19 हजार 991 महिलाओं के नाम पहले ही पोर्टल से गायब हो चुके हैं। मैं फिर मांग करता हूं लाभार्थियों की आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करें, नए नाम जोड़ें और 60 वर्ष की सीमा को अब 65 वर्ष करें। वोट के लिए झूठ बोलने वाली बीजेपी ने लाड़लियोंं को धोखा दे रही है। तुरंत वादा निभाए, 3000 प्रतिमाह भुगतान करवाए।
मंत्री बोलीं- पैसे खातों में हर महीने हो रहे ट्रांसफर पटवारी के बयान को लेकर महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया से लाड़ली बहना योजना की किस्त न आने को लेकर पूछा तो उन्होंनें कहा- ''लाडली बहना योजना की राशि हर महीने जा रही है। सभी के खातों में लाड़ली बहना की राशि डाली जाएगी। कोई किस्त नहीं रूकेगी।"
मंडला से सीएम करेंगे राशि ट्रांसफर विभागीय अधिकारियों की मानें तो 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंडला में लाड़ली बहना योजना की राशि ट्रांसफर करेंगे। मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 16 अप्रैल को मंडला में कार्यक्रम प्रस्तावित है। वे टिकरवारा गांव में आयोजित 1100 बेटियों के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होंगे। इसी कार्यक्रम के दौरान वे लाड़ली बहना योजना की राशि का अंतरण करेंगे। निर्माण कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण भी होगा।
दो साल में साढ़े 3 लाख लाड़ली बहना कम हुईं विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार सवाल उठाता रहा है। लाड़ली बहना योजना की राशि न बढ़ने, नई हितग्राहियों को स्कीम से न जोड़ने और लाड़ली बहनों की संख्या लगातार कम होने को लेकर कांग्रेस मोहन सरकार को घेरती रही है।
विपक्ष के आरोपों के बीच चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई कि समग्र पोर्टल से लाड़ली बहनों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं। साथ ही समग्र पोर्टल से आधार को डीलिंक किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉक, स्थानीय निकाय और कलेक्टरों तक इसकी शिकायतें पहुंच रही हैं। दो कलेक्टर ने हाल ही में एमपी इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को लेटर लिखकर इसकी जानकारी दी है। दो साल में साढ़े 3 लाख लाड़ली बहना कम हुई हैं।
शिवराज ने बताया था- ऐसे दिमाग में आई लाड़ली बहना तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 मार्च 2023 को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान लाड़ली बहना योजना बनाने का खुलासा किया था। उन्होंने सभा में सार्वजनिक रूप से कहा कि एक दिन मैं रात भर जागा। सुबह 4 बजे मैंने पत्नी को जगाया। कहा- एक योजना मेरे दिमाग में आई है। सभी बहनें मुझे भाई मानती हैं। मैं भी तो अपनी बहनों को कुछ दूं।
साल में एक बार पैसा देने से काम नहीं चलेगा। हर महीने पैसा देंगे, तो बहनों की समस्या का समाधान होगा। वे इज्जत से जी सकेंगी। इसी विचार से बनी मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना। यह योजना नहीं, बहनों की जिंदगी बचाने का महा अभियान है।
एमपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हारी बाजी जीती विधानसभा चुनाव की वोटिंग तक महिलाओं के खाते में योजना की 6 किस्त पहुंच चुकी थीं इसलिए महिलाओं का बीजेपी पर भरोसा बढ़ा। चुनावी सर्वे कराने वाली पोल स्टार कंसल्टिंग फर्म के मुताबिक बीजेपी को विधानसभा चुनाव में महिलाओं के 50 फीसदी वोट मिले।