दिल्ली के लाल किले में शनिवार शाम सम्राट विक्रमादित्य का महानाट्य प्रारंभ हुआ। इसका मंचन 14 अप्रैल तक होगा। लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित इस महानाट्य महामंचन में 250 कलाकारों ने इस विक्रम संवत युग के प्रवर्तक राजा के जीवन संघर्ष को जीवंत किया।
मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य न्याय के प्रतीक थे। उनकी शासन व्यवस्था उत्कृष्ट थी। आज सम्राट विक्रमादित्य वाला युग लौट रहा है। वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विक्रमादित्य के शासन को याद करते हैं तो वह भगवान श्री राम के रामराज्य की याद दिलाता है।
विक्रमादित्यकालीन मुद्रा की प्रदर्शनी महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महानाट्य और इससे जुड़ी प्रदर्शनियों के आयोजन की सराहना की और एक संदेश लिखा कि मुझे प्रसन्नता है कि सम्राट विक्रमादित्य की गौरवगाथा और वैभव को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।