दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में सोमवार को इजराइल के हवाई हमले में एक फिलिस्तीनी पत्रकार अहमद मंसूर की जलने से मौत हो गई। इस हमले में कुल दो पत्रकार मारे गए, जबकि 8 घायल हुए।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में फिलिस्तीन टुडे के रिपोर्टर मंसूर आग की लपटों के बीच चीखते और छटपटाते नजर आए। लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वो नाकाम रहे।
पत्रकार हसन एल्स्लेयेह था इजराइल का टारगेट
इजराइली सेना ने सोमवार को हमले की पुष्टि करते हुए दावा किया कि उसने पत्रकार हसन एल्स्लेयेह को निशाना बनाया था। हसन एल्स्लेयेह पर आरोप है कि वह 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हुए हमलों में शामिल था। हमले में एल्स्लेयेह घायल हो गया।
इजराइल का सपोर्ट करने वाली वॉच डॉग संस्था ऑनेस्ट रिपोर्टिंग ने 2023 में हमास नेता याह्या सिनवार के साथ एल्स्लेयेह की एक तस्वीर प्रकाशित की थी। इसके बाद CNN, रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस ने उससे अपने सभी कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिए थे।
जंग में 170 से ज्यादा मीडियाकर्मी की मौत
2023 में इजराइल हमला जंग शुरू होने के बाद से अब तक 170 से ज्यादा मीडिया कर्मी मारे जा चुके हैं। वहीं, गाजा के लोकल अधिकारियों के मुताबिक अब तक कम से कम 211 फिलिस्तीनी पत्रकार मारे गए हैं। ह्यूमन राइट्स ग्रुप्स ने इस हमले की निंदा की है। पत्रकारों की सुरक्षा समिति ने इजराइल पर बार-बार मीडियाकर्मियों को निशाना बनाने और अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
इजराइल से गाजा में प्रेस सेंटर्स पर हमला रोकने की मांग
मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका में पत्रकारों की सुरक्षा समिति (CPJ) की डायरेक्टर सारा कुदाह ने कहा-
यह पहली बार नहीं है जब इजराइल ने गाजा में पत्रकारों के टेंट को निशाना बनाया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से एक्शन नहीं लेने की वजह से अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिशें कमजोर हुई हैं।
CPJ ने अधिकारियों से अपील की है कि वे घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं। उन्होंने गाजा में पहले से ही तबाह हो चुके प्रेस सेंटर्स पर हमलों को रोकने की मांग की।
गाजा में 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत
25 मार्च के आंकड़ों के मुताबिक इजराइल-हमास जंग में अब तक 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1 लाख 13 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
इजराइल-हमास के बीच 19 जनवरी में सीजफायर शुरू हुआ था। इजराइली सेना ने 18 मार्च को गाजा पर फिर से हमला शुरू कर दिया, जिसमें करीब 700 से ज्यादा लोग मारे गए और 3,400 से अधिक लोग घायल हो गए। जिससे अस्थायी सीजफायर और कैदियों की अदला-बदली का समझौता टूट गया।