अमेरिका और ईरान के बीच आज इटली की राजधानी रोम में न्यूक्लियर डील पर बात होगी। इस बातचीत में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची शामिल होंगे। दोनों के बीच डील पर बातचीत का यह दूसरा फेज है। इससे पहले ईरानी विदेश मंत्री अराकची ने गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात की। इस दौरान अराकची ने कहा कि अमेरिका के इरादों पर भरोसा नहीं है, लेकिन फिर भी बातचीत करेंगे।
अमेरिका और ईरान के बीच 12 अप्रैल को दोनों देशों के ओमान में बीच पहली बातचीत हुई थी। इसकी मध्यस्थता ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने की थी। यह दोनों देशों में एक दशक के बाद न्यूक्लियर डील पर होने वाली पहली आधिकारिक बातचीत थी।
ईरान को न्यूक्लियर प्रोग्राम छोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं ट्रम्प
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान को न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं छोड़ने पर खामियाजा भुगतने की धमकी दे चुके हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट के मुताबिक ट्रम्प की प्राथमिकता है कि ईरान कभी परमाणु हथियार हासिल न कर सके।
लेविट ने पिछले हफ्ते एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प पहले भी साफ कर चुके हैं कि इस मामले में सभी विकल्प खुले हैं। ईरान के पास दो विकल्प हैं- या तो ट्रम्प की मांगों को माने, या गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे। यही इस मुद्दे पर ट्रम्प की दृढ़ भावना है।
ट्रम्प ने ईरान को दी 60 दिनों की मोहलत
पॉलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने ईरान को एक नई परमाणु डील पर सहमति के लिए 60 दिनों का समय दिया है, नहीं तो सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह चेतावनी एक चिट्ठी के जरिए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को भेजी गई। इस पत्र में साफ तौर पर कहा गया कि तेहरान को वाशिंगटन के साथ बातचीत के लिए तैयार रहना होगा, चाहे यह बातचीत सीधे ही क्यों न हो। नहीं तो ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जो ईरानी सरकार की स्थिरता को खतरे में डाल सकते हैं।
ईरान पर बमबारी करने की धमकी दे चुके हैं ट्रम्प
इससे पहले 30 मार्च को ट्रम्प ने ईरान को धमकी दी थी कि अगर वह अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर किसी समझौते पर नहीं पहुंचता तो अमेरिका उस पर बमबारी कर सकता है। ट्रम्प ने ईरान पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की भी धमकी दी।