इजराइल के आयरन डोम की तरह अमेरिका भी खुद का डिफेंस सिस्टम गोल्डन डोम बनाने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगवलार को इसका ऐलान करते हुए कहा कि इसके लिए एक डिजाइन भी चुन लिया गया है।
ट्रम्प ने कहा कि गोल्डन डोम उनके कार्यकाल के आखिर तक चालू हो जाएगा। एक बार तैयार होने पर यह मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगा। भले ही उन्हें दुनिया के किसी भी हिस्से से लॉन्च किया जाए। ट्रम्प ने दावा किया कि गोल्डन डोम अंतरिक्ष से हुए हमलों को भी रोकने के काबिल होगा।
स्पेस, जमीन और समुद्र तीनों जगहों से होगी हिफाजत
ट्रम्प का कहना है कि अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम में पिछले 40 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। दुनिया में कई एडवांस तकनीक से लैस मिसाइलें बन रही हैं। अभी का डिफेंस सिस्टम ऐसे खतरों का मुकाबला करने के काबिल नहीं है।
दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने इससे जुड़े एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत भी किया था। उन्होंने पेंटागन को अमेरिकी मिसाइल रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ‘नेक्स्ट जेनेरेशन मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ तैयार करने का आदेश दिया, ताकि चीन, रूस, उत्तर कोरिया या फिर किसी और देश से आने वाले बैलिस्टिक मिसाइल को रोका जा सके।
गोल्डन डोम को अंतरिक्ष, जमीन और समुद्र, तीनों जगहों से काम करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इसमें ऐसी तकनीक होगी जो दुश्मन की मिसाइल को लॉन्च होते ही पकड़ लेगी और रास्ते में ही उसे तबाह कर देंगी। इजराइल ने 2011 से मिसाइलें रोकने के लिए सिस्टम इस्तेमाल किया है।
ट्रम्प ने भरोसमंद सैन्य अधिकारी को सौंपी जिम्मेदारी
गोल्डन डोम प्रोजेक्ट पर करीब 175 बिलियन डॉलर, यानी 14.52 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ट्रम्प ने अभी शुरुआत में 25 बिलियन डॉलर (लगभग 2.05 लाख करोड़ रुपये) खर्च करने की मंजूरी दे दी है।
ट्रम्प ने इसकी जिम्मेदारी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलीन को दी है। वे ट्रम्प के सबसे भरोसेमंद सैन्य अधिकारियों में से एक माने जाते हैं।
कनाडा ने भी गोल्डन डोम में दिखाई दिलचस्पी
ट्रम्प ने यह भी कहा कि कनाडा भी इसमें दिलचस्पी ले रहा है। कनाडाई PMO ने भी इसकी पुष्टि करते बताया कि वे अमेरिका के साथ मिलकर एक नई डिफेंस सिक्योरिटी पर चर्चा कर रहे हैं।
अमेरिका और कनाडा मिलकर नोराड (नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड) चलाते हैं। इस सैन्य संगठन का काम उत्तरी अमेरिका के हवाई की रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र की निगरानी करना है। सोवितय संघ के मिसाइल हमलों को रोकने के लिए नोराड की स्थापना की गई थी।
चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल से खतरा
एक अमेरिकी रक्षा एजेंसी ने अक्टूबर 2023 में रिपोर्ट जारी किया था। इसमें चीन, रूस और उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइल क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें बताया गया था कि चीन के पास लगभग 400, रूस के पास 350 और उत्तर कोरिया के पास कुछ मिसाइलें हैं, जो लंबी दूरी तक जा सकती हैं।
इसमें दावा किया गया था कि उत्तर कोरिया अपनी बैलिस्टिक मिसाइल की तादाद लगातार बढ़ा रहा है। ये अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से निपटने के लिए चुनौती बन सकती हैं। इसके लिए मजबूत उपाय की जरूरत है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पहले मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम ‘मूनशॉट प्लस’ रखा गया था। बाद में इसे बदलकर 'गोल्डन डोम' किया गया।
विपक्षी बोले- यह मस्क को और ज्यादा अमीर बनाएगा
गोल्डन डोम को लेकर विवाद भी शुरू हो गए हैं। कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने यह आशंका जाहिर की है कि इस प्रोजेक्ट से इलॉन मस्क को फायदा पहुंचाया जा सकता है। डेमोक्रेटक पार्टी की सीनेटर वॉरेन एलिजाबेथ ने 1 मई को चिट्ठी लिखकर पेंटागन से इससे जुड़ी खोजबीन करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है। यह सवाल खड़े करता है कि गोल्डन डोम से अमेरिकियों को फायदा होगा या फिर यह मस्क या और बड़े बिजनेसमैन को और ज्यादा अमीर बनाने के लिए है।