नई दिल्ली: सरकार को रिजर्व बैंक से बड़ी रकम मिलने वाली है। जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 25 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सरकार को जो सरप्लस (अतिरिक्त) पैसा ट्रांसफर करेगा, वो आसानी से 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है। पिछले साल RBI ने जितना बड़ा डिविडेंड (मुनाफे का हिस्सा) दिया था, ये उससे भी लगभग पांचवां हिस्सा ज्यादा होगा। जब रिजर्व बैंक को मुनाफा होता है तो वह उसका कुछ हिस्सा सरकार को देता है। यानी रिजर्व बैंक के ज्यादा मुनाफे की वजह से सरकार को फायदा होगा।जानकारों का मानना है कि ये रकम सरकार के FY26 के बजट अनुमान से भी ज्यादा हो सकती है। इससे सरकार को ज्यादा कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उम्मीद है कि इस साल राज्यों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। रिजर्व बैंक सरकार के कर्ज का हिसाब-किताब रखता है। यह मई के आखिर में सरकार को बताएगा कि वो वित्त वर्ष 25 के लिए कितना सरप्लस पैसा ट्रांसफर करेगा। पिछले साल रिजर्व बैंक ने 2.1 लाख करोड़ रुपये दिए थे।डॉलर की खूब बिक्री
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक ने रुपये की कीमत को बचाने के लिए डॉलर की खूब बिक्री की है। साथ ही RBI ने बैंकों को जो पैसा दिया, उससे भी उसे ब्याज मिला है। इन वजहों से RBI इस बार सरकार को ज्यादा पैसा दे सकता है। एक विदेशी बैंक समूह का तो ये भी मानना है कि ये रकम 3.5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है।क्या होगा इस रकम का?
यह पैसा सरकार को अपना वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) कम करने में मदद कर सकता है। वित्तीय घाटा मतलब सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर। इसके अलावा, सरकार के खर्च करने से बैंकों के पास भी ज्यादा पैसा आएगा। सरकार ने अपने बजट में 2.2 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का अनुमान लगाया था।एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा का कहना है कि इस डिविडेंड से सरकार को अपना वित्तीय घाटा ठीक करने में मदद मिलेगी। खासकर तब, जब अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से टैक्स कलेक्शन कम हुआ है। इसके अलावा यह बॉन्ड मार्केट के लिए भी अच्छा होगा। इससे बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज कम होगा, खासकर कम समय वाले बॉन्ड का। एमके का अनुमान है कि डिविडेंड 2.8 से 3 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।